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हनुमान जी की प्रतिमा को महिलाएं स्पर्श क्यों नहीं करती

हनुमान जी सदा ब्रह्मचारी रहें। शास्त्रों में हनुमान जी की शादी होने का वर्णन मिलता है। लेकिन ये शादी भी हनुमान जी ने वैवाहिक सुख प्राप्त करने की इच्छा से नहीं की। बल्कि उन 4 प्रमुख विद्याओं की प्राप्ति के लिए की थी। जिन विद्याओं का ज्ञान केवल एक विवाहित को ही दिया जा सकता था।
इस कथा के अनुसार हनुमान जी ने सूर्य देवता को अपना गुरु बनाया था। सूर्य देवता ने नौ प्रमुख विद्याओं में से पांच विद्या अपने शिष्य हनुमान को सिखा दी थी। लेकिन जैसे ही बाकी चार विद्याओं को सिखाने की बारी आई। तब सूर्य देव ने हनुमान जी से शादी कर लेने के लिए कहा क्योंकि ये विद्याओं का ज्ञान केवल एक विवाहित को ही दिया जा सकता था। अपने गुरु की आज्ञा से हनुमान ने विवाह करने का निश्चय कर लिया। हनुमान जी से विवाह के लिए किस कन्या का चयन किया जाए, जब यह समस्या सामने आई।

तब सूर्य देव ने अपनी परम तेजस्वी पुत्री सुवर्चला से हनुमान को शादी करने की प्रस्ताव दिया। हनुमान जी और सुवर्चला की शादी हो गई। सुवर्चला परम तपस्वी थी। शादी होने के बाद सुवर्चला तपस्या में मग्न हो गई। उधर हनुमान जी अपनी बाकी चार विद्याओं के ज्ञान को हासिल करने में लग गए। इस प्रकार विवाहित होने के बाद भी हनुमान जी का ब्रह्मचर्य व्रत नहीं टूटा।

हनुमान जी ने प्रत्येक स्त्री को मां समान दर्जा दिया है। यही कारण है कि किसी भी स्त्री को अपने सामने प्रणाम करते हुए नहीं देख सकते बल्कि स्त्री शक्ति को वे स्वयं नमन करते हैं। यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी की सेवा में दीप अर्पित कर सकती हैं। हनुमान जी की स्तुति कर सकती हैं। हनुमान जी को प्रसाद अर्पित कर सकती हैं। लेकिन 16 उपचारों जिनमें चरण स्पर्श, मुख्य स्नान, वस्त्र, चोला चढ़ाना आते हैं, ये सब सेवाएं किसी महिला के द्वारा किया जाना हनुमान जी स्वीकार नहीं करते हैं।

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कहां गया भगवान गणेश का मस्तक

श्री गणेश के जन्म के सम्बन्ध में दो पौराणिक मान्यता है। प्रथम मान्यता के अनुसार जब माता पार्वती ने श्रीगणेश को जन्म दिया, तब इन्द्र, चन्द्र सहित सारे देवी-देवता उनके दर्शन की इच्छा से उपस्थित हुए। इसी दौरान शनिदेव भी वहां आए, जो श्रापित थे कि उनकी क्रूर दृष्टि जहां भी पड़ेगी, वहां हानि होगी। इसलिए जैसे ही शनि देव की दृष्टि गणेश पर पड़ी और दृष्टिपात होते ही श्रीगणेश का मस्तक अलग होकर चन्द्रमण्डल में चला गया।

इसी तरह दूसरे प्रसंग के मुताबिक माता पार्वती ने अपने तन के मैल से श्रीगणेश का स्वरूप तैयार किया और स्नान होने तक गणेश को द्वार पर पहरा देकर किसी को भी अंदर प्रवेश से रोकने का आदेश दिया। इसी दौरान वहां आए भगवान शंकर को जब श्रीगणेश ने अंदर जाने से रोका, तो अनजाने में भगवान शंकर ने श्रीगणेश का मस्तक काट दिया, जो चन्द्र लोक में चला गया। बाद में भगवान शंकर ने रुष्ट पार्वती को मनाने के लिए कटे मस्तक के स्थान पर गजमुख या हाथी का मस्तक जोड़ा।

ऐसी मान्यता है कि श्रीगणेश का असल मस्तक चन्द्रमण्डल में है, इसी आस्था से भी धर्म परंपराओं में संकट चतुर्थी तिथि पर चन्द्रदर्शन व अर्घ्य देकर श्रीगणेश की उपासना व भक्ति द्वारा संकटनाश व मंगल कामना की जाती है।

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वृन्दावन की शोभा

रे मन वृन्दाविपिन निहार।।
यद्पि मिले कोटि चिंतामणि तदपि न हाथ पसार।।
विपिन राज सीमा के बाहर हरिहूँ को न निहार।।
जय श्री भट्ट धूरि धूसर तन, यह आसा उर धार।।

श्री भट्ट देवाचार्य”

अरे मन वृन्दावन की शोभा को निहार, यदि तुझे अनंत कोटि चिंतामणि भी मिलें, तो भी हाथ पसारकर वृन्दावन की सीमा से मत जा, यदि स्वयं श्री कृष्ण भी वृन्दावन की सीमा के बाहर मिलें तो भी उनको मत निहार, और अपने मन में एहि आशा रखो की वृन्दावन रज से ही ओत प्रोत रहे यह तन भी।

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Powerful Prayer

This prayer takes about one minute! Pray it sincerely, and then those you send it to, will pray for you!

God bless me even while I’m reading this prayer and bless the one that sent this to me in a special way.

Open supernatural doors and miracles in our lives today.

Give us a double portion of your Spirit as we regain

Emotional Health, Physical Health, Finances, Success, Loving Relationships, Businesses, Children, Jobs, Homes, Marriages.

I thank you that nothing is over until YOU say it is over.

By Your Grace:

  1. Our households are blessed.
  2. Our offices are blessed.
  3. Our health is blessed.
  4. Our wealth is blessed.
  5. Our mind is blessed.
  6. Our spirit is blessed.
  7. Our relationships are blessed.
  8. Our finances are blessed.
  9. Our businesses are blessed.
  10. Our jobs are blessed
  11. Our grandparents are blessed.
  12. Our parents are blessed.
  13. Our children are blessed.
  14. Our siblings are blessed.
  15. Our grandchildren are blessed.
  16. Our whole family is blessed.
  17. Our friends are blessed.
  18. Our relatives are blessed.
  19. Our temples are blessed.
  20. Our decisions are blessed.
  21. Our dreams are blessed.
  22. Our future is blessed.
  23. Good opportunities are on the way.
    24.Our states, our country and all its people are blessed.
  24. Our Earth is blessed.
  25. Our planets are blessed.
  26. Our Gurumandala is blessed.

Our hearts’ desires are on the way according to YOUR perfect will and plan for our lives.

Pray this prayer, then send it to EVERYBODY YOU KNOW

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विनायक चतुर्थी – Vinayak Chaturthi

व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, तिलकुंद चतुर्थी, गणेश जयंती*
💥 विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 माघ शुक्ल तृतीया 🌷

🙏🏻 तृतीया तिथि को सार्वत्रिक रूप से गौरी की पूजा का निर्देश है, चाहे किसी भी मास की तृतीया तिथि हो। भविष्यपुराण के अनुसार माघ मास की शुक्ल तृतीया अन्य मासों की तृतीया से अधिक उत्तम है | माघ मास की तृतीया स्त्रियों को विशेष फल देती है | माघ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को सौभाग्य वृद्धिदायक गौरी तृतीया व्रत किया जाता है। भविष्यपुराण उत्तरपर्व में आज से शुरू होने वाले ललितातृतीया व्रत की विधि का वर्णन है जिसके करने से नारी को सौभाग्य, धन, सुख, पुत्र, रूप, लक्ष्मी, दीर्घायु तथा आरोग्य प्राप्त होता है और स्वर्ग की भी प्राप्ति होती है |
🌷 सौभाग्यं लभते येन धनं पुत्रान्पशून्सुखम् । नारी स्वर्गं शुभं रूपमारोग्यं श्रियमुत्तमाम् ।।
🙏🏻 भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व में भगवती गौरी ने धर्मराज से कहा :- माघ मास की तृतीया को गुड़ और लवण (नमक) का दान स्त्रियों एवं पुरुषों के लिए अत्यंत श्रेयस्कर है भगवन शंकर की प्रिये उस दिन मोदक एवं जल का दान करें .
🌷 माघमासे तृतीयायां गुडस्य लवणस्य च । दानं श्रेयस्करं राजन्स्त्रीणां च पुरुषस्य च ।।
तृतीयायां तु माघस्य वामदेवस्य प्रीतये । वारिदानं प्रशस्तं स्यान्मोदकानां च भारत ।।
🙏🏻 पद्मपुराण, सृष्टि खंड के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया मन्वंतर तिथि है। उस दिन जो कुछ दान दिया जाता है उसका फल अक्षय बताया गया है।
🙏🏻 धर्मसिंधु के अनुसार माघ मास में ईंधन, कंबल, वस्त्र, जूता, तेल, रूई से भरी रजाई, सुवर्ण, अन्न आदि के दान का बड़ा भारी फल मिलता है।
🙏🏻 माघ में तिलों का दान जरूर जरूर करना चाहिए। विशेषतः तिलों से भरकर ताम्बे का पात्र दान देना चाहिए।

🌷 ससुराल मे कोई तकलीफ 🌷
👩🏻 किसी सुहागन बहन को ससुराल मे कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें …उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें ..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाए, दूध रोटी खा लें..शुक्ल पक्ष की तृतीया को..अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में जो तृतीया आती है उसको ऐसा उपवास रखें …नमक बिना का भोजन(दूध रोटी) , एक बार खाए बस……अगर किसी बहन से वो भी नहीं हो सकता पूरे साल का तो केवल
👉🏻 माघ महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया,
👉🏻 वैशाख शुक्ल तृतीया और
👉🏻 भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया
जरुर ऐसे ३ तृतीया का उपवास जरुर करें …नमक बिना करें ….जरुर लाभ होगा…
🙏🏻 ..ऐसा व्रत वशिष्ठ जी की पत्नी अरुंधती ने किया था…. ऐसा आहार नमक बिना का भोजन…. वशिष्ठ और अरुंधती का वैवाहिक जीवन इतना सुंदर था कि आज भी सप्त ऋषियों में से वशिष्ठ जी का तारा होता है , उन के साथ अरुंधती का तारा होता है…आज भी आकाश में रात को हम उनका दर्शन करते हैं …
🙏🏻 ..शास्त्रो के अनुसार शादी होती तो उनका दर्शन करते है….. जो जानकर पंडित होता है वो बोलता है…शादी के समय वर-वधु को अरुंधती का तारा दिखाया जाता है और प्रार्थना करते है कि , “जैसा वशिष्ठ जी और अरुंधती का साथ रहा ऐसा हम दोनों पति पत्नी का साथ रहेगा..” ऐसा नियम है….
🙏🏻 चन्द्रमा की पत्नी ने इस व्रत के द्वारा चन्द्रमा की २७ पत्नियों में से प्रधान हुई….चन्द्रमा की पत्नी ने तृतीया के व्रत के द्वारा ही वो स्थान प्राप्त किया था…तो अगर किसी सुहागन बहन को कोई तकलीफ है तो ये व्रत करें ….उस दिन गाय को चंदन से तिलक करें … कुम -कुम का तिलक ख़ुद को भी करें उत्तर दिशा में मुख करके …. उस दिन गाय को भी रोटी गुड़ खिलाये॥

🙏🏻 चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की उपासना
🙏🏻 माघ मास की गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन की प्रमुख देवी मां कुष्मांडा हैं। देवी कुष्मांडा रोगों को तुरंत ही नष्ट करने वाली हैं। इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।
🙏🏻 ​मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कुष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया। इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कुष्मांडा पड़ा। नवरात्रि के चतुर्थ दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है। मां कुष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्र जागृत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं।

     🌷 *गुप्त नवरात्रि* 🌷

🙏🏻 नवरात्रि में हर दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विभिन्न उपायों से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्रि में देवी को हर दिन एक विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है।
🙏🏻 नवरात्रि में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक देवी को ये विशेष भोग अर्पित करने तथा बाद में इसे गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। गुप्त नवरात्रि में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं,
🙏🏻 चतुर्थी तिथि को माता दुर्गा को मालपुआ का भोग लगाएं ।इससे समस्याओं का अंत होता है ।

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What People Think About Me!

जानिए, आपके बारे में क्या सोचते हैं लोग
🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸
एक बार की बात है एक राजा और उसका वजीर भेष बदल कर सैर पर जा रहे थे। अचानक राजा के मन में विचार आया कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं? वजीर से सलाह की तो वजीर ने भी सहमति जताई तथा कहा, ‘‘राजन, लोग भी आपके बारे में वही कुछ सोचते हैं जो कुछ आप लोगों के बारे में सोचते हैं। फिर भी पुष्टि करने के लिए लोगों से पूछ लेते हैं। ’’
भेस बदला ही था, लोग पहचान नहीं रहे थे। इतने में सामने से एक लकड़हारा आता दिखाई दिया। वजीर ने पहले राजा से लकड़हारे के बारे में विचार जानने चाहे। राजा बोला, ‘‘लकड़हारा बड़ा धूर्त है। इसने जंगल काट-काट कर खाली कर दिए हैं। फिर भी गरीब होने का ढोंग करता है। मेरा तो दिल करता है कि इसकी सिर की लकड़ियों की चिता बना दूं।’’
इतने में लकड़हारा पास आ गया तो वजीर ने पूछा, ‘‘ए भाई! आप यहां के राजा के बारे में क्या सोचते हो? लकड़हारा बोला, ‘‘यहां के राजा के राज में हमें गरीबी से कभी छुटकारा नहीं मिल सकता। कभी महंगाई बढ़ा देता है, तो कभी इसके आदमी हमसे लकडिय़ां छीन लेते हैं। ऐसे क्रूर राजा से तो मौत ही छुटकारा दिला सकती है।’’
तभी सामने से एक बूढ़ी औरत आती दिखाई दी तो वजीर ने राजा के विचार पूछे। राजा, ‘‘यह औरत बहुत बूढ़ी है। पता नहीं कैसे गुजर-बसर कर रही है? चाहता हूं कि इसकी कुछ पैंशन लगा दूं।’’
इतने में बूढ़ी औरत पास आ पहुंची तो वजीर ने उससे भी राजा के बारे में पूछा। बूढ़ी औरत बोली, ‘‘हमारा राजा बड़ा दयावान है और बहुत अच्छा है। मेरी उम्र भी मेरे राजा को लग जाए।’’
इतने में सामने से बनिया आता दिखाई दिया। उसके बारे में राजा के विचार थे, ‘‘यह ब्याजखोर बनिया ब्याज पर ब्याज खाता है। इसने मेरी सारी प्रजा को ही गरीब कर दिया है। मेरा दिल चाहता है कि इसका सारा पैसा छीनकर लोगों में बांट दूं।’’
वजीर ने बनिए से भी राजा के बारे में पूछा तो बनिया बोला, ‘‘ऐसा कंजूस, मक्खीचूस व्यक्ति राजा बनने के योग्य नहीं है, मेरा बस चले तो राजा को गद्दी से उतार कर खजाना लोगों को बांट दूं।’’
सारांश : जो आप लोगों के बारे में सोचते हैं, लोग भी आपके बारे में वही या वैसा ही कुछ सोचते हैं। यानी कि आपके विचार ही वापस आपके पास आ जाते हैं, अत: औरों के बारे में सदा शुभ ही सोचो।

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Tips for Happy Life

अच्छा दिखने के लिये मत जिओ बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ 💐

जो झुक सकता है वह सारी दुनिया को झुका सकता है 💐

गंगा में डुबकी लगाकर तीर्थ किये हजार,इनसे क्या होगा अगर बदले नहीं विचार 💐

क्रोध हवा का वह झोंका है जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है 💐

अगर बुरी आदत समय पर न बदली जाये तो बुरी आदत समय बदल देती है 💐

हमेशा प्रेम की भाषा बोलिए,इसे बहरे भी सुन सकते हैं और गुंगे भी समझ सकते हैं 💐

चलते रहने से ही सफलता है,रुका हुआ तो पानी भी बेकार हो जाता है 💐

झूठे दिलासे से स्पष्ट इंकार बेहतर है 💐

खुद की भुल स्वीकारने में कभी संकोच मत करो 💐

अच्छी सोच,अच्छी भावना,अच्छा विचार मन को हल्का करता है 💐

मुसीबत सब पर आती है,कोई बिखर जाता है और कोई निखर जाता है 💐

सबसे अधिक समझदार वह है जो अपनी कमियो को जानकर उनका सुधार कर सकता हो 💐

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गलतियां – Faults

एक विचार:
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गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो ।।

एक कथा:
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“आज ये जाने की क्या मेरी भी जरूरत हैं सबको” राजीव आज फिर लता को उसकी औकात दिखा कर दफ्तर के लिये निकल गया और वो दिखाये भी क्यों ना,क्योंकि लता एक घरेलू महिला है,वो कोई ज्यादा पढ़ी लिखी लड़की नहीं।
न ही वो कोई कामकाजी सफल महिला है।
उसका काम सिर्फ कपड़े धोना,खाना पकाना,बिस्तर लगाना,घर की सफाई करना, बच्चो को अच्छी तालीम देना,घर के बड़े-बूढों का ध्यान रखना और घर में आये मेहमानों का स्वागत करना ही तो हैं। इन सब काम की क्या अहमियत,यह तो कोई नौकरानी भी कर सकती हैं।
यह सब सोचकर लता ने अपने गालों से आँसुओं की बूंदों को साफ किया और फिर से अपने कामों मे जुट गई।रोज की तरह राजीव का फोन आया,
कि वो देर से घर आयेगा खाना बाहर ही खायेगा।
लता समझ गई थी कि पियेगा भी बाहर।
पहले तो लता रोज राजीव से इस बात के लिए लड़ती थी, और वो यह कहकर फटकार देता है कि वो मेहनत करता है और कमाता हैं।वो जो चाहे करे।पर अब तो जैसै वो थक चुकी थी वो राजीव के मुँह ही नही लगना चाहती थी।
क्योंकि राजीव कई बार कह चुका था कि उसे इस घर की जरूरत है ना कि इस घर को उसकी जरूरत।वो जब चाहे इस घर को छोड़कर जा सकती हैं।
लता यह सोचकर चुप हो जाती कि शायद राजीव सही कह रहा हैं
वो जायेगी भी कहॉ? मायका तो बचपन से ही पराया होता है।
अगर घर की बेटी चार दिन भी ज्यादा रूक ले
तो आस पड़ोस वालो के कान खड़े हो जाते है,
नाते रिश्तेदार चुटकियॉ लेना शुरू कर देते है
और बात मॉ बाप की ईज्जत पर बन आती है यही सब सोचकर लता अपमान के घूंट पी जाती हैं।अगले दिन लता की तबियत कुछ ठीक सी नहीं लग रही थी।
उसने नापा तो उसे बुखार था।लता ने घर पर ही रखी दवा ले ली और जैसे तैसे नाश्ता और बच्चो का टिफ़िन लगा दिया और कमरे में जाकर लेट गई।राजीव यह कह कर चला गया कि डाक्टर को दिखा लेना।
शाम तक लता का बुखार बढ़ गया उसकी तबियत में जरा भी सुधार नही हुआ,
उसने राजीव को फोन करा तो उसने कहा वो घर आते वक्त दवा लेता आयेगा।
राजीव ने लता के पास दवा रख दी और कहा ले लो।
क्योंकि उसने दवा लाने का इतना महान काम जो किया।पत्नी ऐसा नही कर सकती वो दवा देगी
और प्यार से उसके माथे पर हाथ भी फेरेगी।
उधर सासुमॉ ने खाना बनाकर आज रात के लिऐ यह मौहर लगा दी कि वाकई में इस घर को लता की जरूरत नही। रात को लता ने खाना नही खाया।वो बैचेन होकर तड़प रही थी।
उधर राजीव चैन की नींद सो रहा था।
सोये भी क्यों न उसे अगले दिन काम पर जो जाना था,वो कमाता हैं,
इस घर को उसकी बहुत आवश्यकता हैं।
अगले दिन राजीव दवा की कहकर चला गया और रात के डाक्टर के चलना,
अपना महान फ़र्ज़ निभाकर चला गया।
उधर सास ने भी बीमारी मे हाथ पैर चलाने की नसीहत देकर महानता का उदाहरण दे दिया।
शाम को लता की तबियत और बिगड़ गई,सास ने राजीव को फोन करा।
राजीव ने कहा वो अभी आता है पर राजीव को यह कहे भी एक घण्टा हो गया।
फिर राजीव को दोबारा फोन करा जब तक लता मौत के करीब पहुँच चुकी थी।
राजीव घर आकर उसे अस्पताल ले गया तब तक लता मर चुकी थी।
अब लता को किसी की जरूरत नही थी,पर अब लता की सबको जरूरत थी।
आज लता की तेरहवीं हो चुकी थी।दिलासा देने वाले मेहमान सब जा चुके थे।
अब राजीव को दफ्तर जल्दी नही जाना था,
जाता भी कैसै अब उसे घर के बहुत से काम करने थे।
जो लता के होने पर उसे पता भी नही चलता था।
आज उसे पता लगा इस घर को लता की कितनी जरूरत है।
*आज राजीव को अपने तौलिये, रूमाल, अपनी दफ्तर की फाईल,
यहॉ तक की वो छोटी छोटी चीज़े जिसका उसे आभास भी नही था,नही मिल रही थी।
उसे पता भी नही था कि उसे लता की कितनी जरूरत हैं।
आज लता के जाने के बाद घर,घर नही चिड़ियाघर नजर आता था।
सास की दवाई और बच्चो को समय पर खाना नही मिलता था।
राजीव को रात को अपना बिस्तर लगा नही मिलता था।
आज राजीव का घर पर इन्तजार करने वाला कोई नही था।
उसको किसी को बताने की आवश्यकता नही की वो कहॉ है और कब आयेगा,
क्योकि कोई पूछने वाला ही नही। आज राजीव को लता की बहुत जरूरत है।
पर लता को यह साबित करने के लिए कि मेरी भी जरूरत है सबको…मौत को गले लगाना पड़ा।
उसे अपनी अहमियत बताने के लिये इस दुनिया से विदा होना पड़ा।
आज सबने मान लिया की लता को इस घर की नही,इस घर को लता की ज्यादा जरूरत हैं।
एक सबक:
जागो और अपने इस जीवन साथी को वो दो जो वो चाहती है,नहीं दोगों तो याद करोगे अपनी उस गलती को जिसका तुम्हें आभास तो था पर अपने उस पर गौर नहीं किया।

जीवन साथी का साथ, हमारी खुशियों का विकास।

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कटु सत्य – Harsh Truth

ईसाईयों को इंग्लिश आती है वो बाइबिल पढ लेते है,
उधर मुस्लिम को उर्दू आती है वो कुरान शरीफ़ पढ लेते हैं,

सिखों को गुरबानी का पता है वो श्री गुरू ग्रन्थ साहिब पढ लेते है ।

हिन्दूओ को संस्कृत नही आती वो ना वेद पढ पाते है न उपनिषद ।

इस से बडा दुर्भाग्य क्या होगा हमारा 🔔🌿

संस्कृत ही विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा है इसे अवश्य सीखें

प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र। संग्रह

🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥

     *🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸*

समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥

🔺त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण🔺

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥

          *♥️ स्नान मन्त्र ♥️*

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

       *🌞 सूर्यनमस्कार🌞*

ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥

ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

            *🔥दीप दर्शन🔥*

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥

दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥

        *🌷 गणपति स्तोत्र 🌷*

गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।

विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥

    *⚡आदिशक्ति वंदना ⚡*

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

       *🔴 शिव स्तुति 🔴*

कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥

          *🔵 विष्णु स्तुति 🔵*

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

        *⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫*

कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

        *⚪ श्रीराम वंदना ⚪*

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

           *♦श्रीरामाष्टक♦*

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

*🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱*

आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥

       *🍁सरस्वती वंदना🍁*

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥

        *🔔हनुमान वंदना🔔*

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥

     *🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹*

ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥

        *❄ शांति पाठ ❄*

ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥

॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

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गुप्त नवरात्रि – Navratri

🙏🏻 हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (05 फरवरी, मंगलवार) से हो रहा है, जिसका समापन 14 फरवरी, गुरुवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-
🙏🏻 पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन (05 फरवरी, मंगलवार) को मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं।
🙏🏻 हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। अत: इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री का आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी है। स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।

🌷 गुप्त नवरात्रि 🌷
👉 माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ माघ मास की गुप्त नवरात्रियाँ है l
🙏 एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l

🌷 शत्रु को मित्र बनाने के लिए 🌷
🙏 नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।
🙏 नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l

👩 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1
👵 जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :🌷 “अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले “
🙏 ” ASHOK SHOK SHAMNO BHAV SARVATRA NAH KULE “🙏 भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l

👩 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2
🙏 माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया (08 फरवरी 2019) के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं, नमक मिर्च का भोजन ही करें l)
🌷 • ” ॐ ह्रीं गौरये नमः ” 🌷
🙏 “Om Hreem Goryaye Namah”
🙏 मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l
🐄 गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l
💶 श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु 💶
💥 प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है
🙏 मंत्र ध्यान से पढ़ें 🙏
🌷 “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् “
🌷 ” OM SHREEM HREEM KLEEM AIM KAMALVAASINYE SWAHA “

👦 विद्यार्थियों के लिए 👦
🙏 प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।
🙏 इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l
🙏 बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें । जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।
🙏 अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l

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