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शनिश्चरा मंदिर मुरैना की कथा

सूर्य पुत्र शनिदेन सभी लोगो को उनके कर्मो के आधार पर सजा देते है, और उनके क्रोध और कुदृष्टि से सभी को भय होता है ! भारत मे शनिदेव के अनेक मन्दिर है,और इन मंदिरो मे सबसे प्राचिन मंदिर माना जाता है, “शनिश्चरा मंदिर” जो मध्य प्रदेश के मुरैना मे स्थित है !

ये मंदिर त्रेतायुग का माना जाता है, जो पुरे भारत मे प्रसिद्ध है और ऐसा माना जाता है की शनिदेव की यह प्रतिमा आसमान से टुट कर गिरी एक उल्का पिण्ड से बनी है ! शनिदेव का यह मंदिर अदभुत और प्रभावशाली है,तथा दुनिया भर से यहां लोग शनिदेव के दर्शन के लिए आते है ! यहां की एक अनोखी परम्परा है ,की शनिदेव की मंदिर मे भक्त शनिदेव की प्रतिमा मे तेल चढाने के बाद उनके गले मिलते है !

ऐसा माना जाता है की ऐसा एक भक्त अपने सभी दुख दर्द शनिदेव के साथ बांटते है ! इसके बाद भक्त घर जाने से पुर्व अपने धारण किये हुए वस्त्र,धोती,जुते,चप्पल मंदिर मे ही छोड जाते है !येसा करने से भक्त को उनके सभी पापो और दरिद्रताओं से मुक्ति मिलती है ! हर शनिचरी अमावश्या को यहां बहुत भिड होती है,और इस दिन यहां बहुत ही विशाल मेला लगता है, तथा लाखो लोग अपने कष्टो को दुर करने के लिए यहां आते है !

पौराणिक कथा के अनुसार रावण ने लंका मे शनिदेव को कैद कर रखा था,लंका जलाते समय हनुमान जी ने शनिदेव को रावण के कैद मे देखा, शनिदेव ने उन्हे इशारो मे निवेदन किया की अगर आप मुझे रावण की कैद से आजाद कर दो तो मै आपको रावण की लंका को नष्ट करने मे मदद करुंगा ! शनितेव रावण की कैद मे काफी दुर्बल हो चुके थे, हनुमान जी ने उन्हे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए उन्हे लंका से फेंका तब शनिदेव इस स्थान पर आकर प्रतिष्ठित हुए !यहां शनिदेव की असली प्रतिमा है ! महराष्ट्र की शिंगनापुर की प्रतिमा भी यही से लि गई है ! यह भी कहां जाता है की महाभारत युद्ध से पुर्व अर्जुन ने ब्रहाास्त्र पाने के लिए शनिदेव की यहा विधिवत पूजा अर्चना की थी ! इस मंदिर का निर्माण विक्रमादित्यने करवाया था,मराठो के शासन काल मे सिंधिया शासको ने इसका जिर्णोद्धार किया !

पौराणिक शास्त्रो के अनुसार शनि न्याय के देवता एवंभगवान सूर्य के पुत्र है ! शनि को किस्मत चमकाने वाला देवता भी कहा जाता है, शनिदेव मनुष्य के अच्छे कर्मो से प्रसन्न होते है !यही कारण है की उन्हे भाग्य विधाता भी कहां जाता है !

ऐसे भगवान शनिदेव के दस कल्याणकारी नामो का निरन्तर जाप करने से मनुष्य का कल्याण होता है .ज्सोतिष शास्त्रो के अनुसार शनि शुभ होने पर अपार सुख और समृद्धि देते है,

शनि के पवित्र कल्याणकारी नाम :–
१- कोणस्थ
२- पिंगल
३- कृष्ण
४- बभ्रु
५- रौद्रान्तक
६- यम
७- सौरी
८- शनैश्चर
९- मन्द
१०- पिप्पलाश्रय

ऊँ शं शनैश्चराय नमः

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