शनिश्चरा मंदिर मुरैना की कथा
सूर्य पुत्र शनिदेन सभी लोगो को उनके कर्मो के आधार पर सजा देते है, और उनके क्रोध और कुदृष्टि से […]
सूर्य पुत्र शनिदेन सभी लोगो को उनके कर्मो के आधार पर सजा देते है, और उनके क्रोध और कुदृष्टि से […]
पवनदेव के प्रथम अवतार हैं श्रीहनुमान जी, द्वितीय अवतार हैं श्रीभीमसेन, व तृतीय अवतार हुए श्रीमध्वाचार्य जी। एक दिन श्रील
गाय की महिमा पर पवित्र ग्रंथों के उद्धरण: स्वप्न में गाय का दर्शन: गाय की महिमा: • गायों, गोकुल, गोमय
प्रातः सूर्य नमस्कार करें एवं सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल का अर्घ्य दें। । पूर्णिमा को चांदी के
गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ. उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर
रेल सफ़र में भीख़ माँगने के दौरान एक भिख़ारी को एक सूट बूट पहने सेठ जी उसे दिखे। उसने सोचा
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना । या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा
एक बार कबूतरों का झुण्ड, बहेलिया के बनाये जाल में फंस गया सारे कबूतरों ने मिलकर फैसला किया और जाल
उच्छिष्टं शिवनिर्माल्यंवमनं शवकर्पटम्।काकविष्टा ते पञ्चैतेपवित्राति मनोहरा॥ 1. उच्छिष्ट — गाय का दूध ।गाय का दूध पहले उसका बछड़ा पीकर उच्छिष्ट