देवी गंगा हिन्दू धर्म की देवी हैं। हिन्दू धर्म में इन्हें बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता के अनुसार देवी गंगा लोगों के पाप धोकर उन्हें जीवन मृत्यु के चक्कर से बाहर निकालती हैं तथा मोक्ष प्रदान करती हैं। ग्रंथों और पुराणों के अनुसार भक्तों के पाप मिटाने के लिए ही गंगा जी धरती पर अवतरित हुईं थी।
गंगा जी का नदी के रूप में अवतरण
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार एक राजा के साठ हजार पुत्र थे। राजा के पुत्रों ने एक बार कपिल मुनि की तपस्या में बाध डाल दी जिससे क्रोधित होकर मुनि ने उन्हें श्राप दे दिया। इससे राजा के सारे पुत्र उसी स्थान पर जलकर भस्म हो गए और पाप मुक्त न होने के कारण पृथ्वी पर भटकने लगे।
भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर राजा पुत्रों को मुक्ति दिलाने के लिए विष्णु जी ने देवी गंगा को धरती पर उतरने के लिए कहा। तेज आवेग के कारण वह प्रत्यक्ष रूप से धरती पर नहीं अवतरित हो सकती थीं। इसलिए शिव जी ने गंगा को अपनी जटाओं में बांध लिया तथा उनके कुछ धाराओं को ही धरती पर छोड़ा।
गंगा जी के मंत्र
गंगा में स्नान करते समय सभी पापों की क्षमा मांगने तथा मुक्ति प्राप्ति के लिए गंगा माता के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि,
गंगे माँ पावय पावय स्वाहा।।
गंगा जी का स्वरूप
देवी गंगा का चेहरा बहुत शांत और उज्ज्वल है। उनके चार हाथ हैं जिसमें से एक हाथ में कमल और एक हाथ में कलश है तथा दो अन्य हाथ वर और अभय मुद्रा में है। वे सफेद वस्त्र धारण किए हुए है जो शांति और कोमलता का प्रतीक है। इनके गले में फूलों की माला तथा माथे पर अर्धचंदाकार चंदन लगा है। यह कमल पर विराजमान रहती हैं। इनका निवास स्थान तीनों लोकों में है।
गंगा जी का परिवार
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार गंगा जी पर्वतों के राजा हिमवान तथा उनकी पत्नी देवी मीना की पुत्री हैं।
गंगा जी से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातें
गंगा जी के चार हाथ हैं।
गंगा जी देवी पार्वती की बहन हैं।
ब्रह्मा जी के कहने पर देवी गंगा धरती पर लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए अवतरित हुई थीं।
गंगा स्नान का महत्व
मान्यता के अनुसार करोड़ो जन्मों के पाप गंगा की वायु के स्पर्श मात्र से समाप्त हो जाते हैं। स्पर्श और दर्शन की इच्छा और गंगा में मौसल स्नान करने से व्यक्ति को दस गुणा पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा समान्य दिन में स्नान करने से भी जन्मों के पास नष्ट हो जाते हैं। विशेष तिथियों और अवसरों पर गंगा स्नान का व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है।
गंगा जी के नाम
मंदाकिनी
गंगा जी
भोगवती
हरा-वल्लभ
भागीरथी
सावित्री
रम्य
गंगा जी के प्रसिद्ध मंदिर
गंगा मंदिर गंगोत्री
गंगा मंदिर, हरिद्वार
गंगा मंदिर, भरतपुर
गंगा मंदिर, गढ़मुक्तेश्वर
गंगा मंदिर, बैंग्लोर
गंगा मंदिर, वारणसि